वास्तु शास्त्र वास्तुकला पर सबसे महत्वपूर्ण प्राचीन भारतीय ग्रंथों में से एक है। यह किसी भी स्थान पर स्वस्थ और शुभ वातावरण बनाने के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करता है, चाहे वह किसी व्यक्ति का घर हो या सार्वजनिक स्थान। इस लेख में, हम आपको अधिक सामंजस्यपूर्ण वातावरण बनाने में मदद करने के लिए कुछ Vastu Shastra Tips Hindi में साझा करेंगे।
वास्तु शास्त्र वास्तुकला और डिजाइन की एक प्रणाली है जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई थी। वास्तु शास्त्र के पीछे दर्शन यह है कि एक घर को प्राकृतिक नियम या कंपन के सिद्धांतों के अनुसार डिजाइन किया जाना चाहिए।
इसमें यह सुनिश्चित करना शामिल है कि दरवाजे और खिड़कियां सही जगहों पर हैं, फर्नीचर को उन्मुख करना ताकि यह ऊर्जा प्रवाह में बाधा न डाले, और सजावटी सुविधाओं को स्थापित करना जो आसपास के वातावरण के अनुरूप हों।
आप अपने घर के आकार और दिशा का निर्धारण कैसे करते हैं?
स्वास्थ्य और समृद्धि को बेहतर बनाने के लिए वास्तु शास्त्र की सही समझ होना जरूरी है। वास्तुकला का प्राचीन हिंदू विज्ञान हमारे घरों को उनके प्राकृतिक प्रवाह और ऊर्जा के अनुसार डिजाइन करने में हमारा मार्गदर्शन करता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, प्रत्येक घर का अपने परिवेश में संतुलन बनाने के लिए एक विशिष्ट आकार और दिशा होनी चाहिए।
वास्तु तीन तत्वों से बना है: राजा (राजा), तुला (तारा) और नक्षत्र (स्थान)। ये तत्व मिलकर एक ज्यामिति बनाते हैं जो एक इमारत को आकार देती है। अपने घर के आकार और आकार की गणना करने के कई तरीके हैं, लेकिन ऐसा करने का सबसे सटीक तरीका वास्तु शास्त्र के विशेषज्ञ से सलाह लेना है।
वास्तु क्या है? आपके घर में वास्तु सिद्धांतों का पालन करने के क्या लाभ हैं?
इसमें आपके घर की ऊर्जा में सुधार के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं। घर की ऊर्जा का निर्धारण करने में सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक वस्तुओं और फर्नीचर का स्थान है। शुरुवात करने में आपकी सहायता के लिए यहां 25 Vastu Shastra Tips Hindi में दी गई हैं:
अगर आपको वास्तु शास्त्र के बारे में और जानकारी चाहिए तो किसी Expert Astrologer की सहायता ले.
1) मोर का पंख घर के पूर्वी और उत्तर-पश्चिम दीवार पर लगाने से राहू का दोष दूर होता है, कालसर्प दोष दूर करने के लिये भी मोरपंख को तकिये के अन्दर रखा जाता है. यदि रात में डरावने सपने आते हों तो मोर पंख को अपने तकिये के नीचे रख लें और सोते समय जले रक्षतु वाराहः स्थले रक्षतु वामनः अटव्यां नारसिंहश्च सर्वतः पातु केशवः इस मन्त्र का जाप करें, ऐसा करने से डरावने सपने नहीं आते हैं.
2) वास्तु विज्ञान के अनुसार लाल रंग के फूल जीवन में उत्साह और उमंग लाते हैं. इस रंग के फूल बगीचे या घर के दक्षिण में लगाना चाहिये। ईस दिशा में लाल फूल लगाने से यश और कीर्ति मिलती है. इसके अलावा बगीचे की दक्षिण दिशा में लाल गुलाब और गुड़हल का पौधा लगाना शुभ माना जाता है, इससे पति-पत्नी के जीवन में भी प्रेम बढ़ता है.
3) मनी प्लांट की जड़ो को कभी भी जमीन पर न फैलाएं इसे दीवारों के सहारे ऊपर की ओर जाने देना चाहिए, इससे धन की वृद्धि होती है.
4) वास्तु के अनुसार बच्चों के कमरे में नीले, गुलाबी या हरे रंग के पर्दे लगाने चाहिए, यह रंग शांति और अच्छे स्वास्थ्य का संकेत माना जाता है और इससे बच्चों का मन भी पढ़ाई में लगा रहता है.
5) रसोई में कभी भी दवाई नहीं रखनी चाहिए, ऐसा करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं और जीवन में सुख की कमी भी होती है। दवाई हमेशा घर की ईशान कोण में रखनी चाहिए। दवाओं को उत्तर-पूर्व दिशा में रखने से भी इन दवाओं का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और स्वास्थ्य लाभ भी बना रहता है।
6) यदि कोई व्यक्ति तनावग्रस्त या मानसिक रूप से परेशान है तो प्रतिदिन मिट्टी के बने गमले से पौधों को पानी दें। आप किसी भी पेड़ या पौधे में मिट्टी के बर्तन से पानी डाल सकते हैं। रोजाना ऐसा करने से मानसिक शांति मिलती है और नकारात्मकता और तनाव से मुक्ति मिलती है। घर में मिट्टी के छोटे-छोटे सजावटी बर्तन रखने से भी रिश्तों में मधुरता बनी रहती है।
7) किसी भी कार्य की सफलता के लिए घर से निकलने से पहले जाते समय रोटी हाथ में लें। रास्ते में जहां कहीं भी कौवे दिखें, उस रोटी को टुकड़ों में काटकर आगे बढ़ा दें, इससे सफलता मिलती है।
8) घर में कलश में शुद्ध जल भरकर अशोक या आम के पत्तों को लाल धागे से बांधना चाहिए। इस तरह से कलश रखने से स्वास्थ्य, समृद्धि और कल्याण में वृद्धि होती है। इसे घर के मंदिर में स्थापित करना शुभ होता है, इसे भी समय-समय पर बदलते रहना चाहिए।
9) क्रसुला का पौधा धन को चुंबक की तरह आकर्षित करता है। घर में क्रसुला का पौधा लगाने से सकारात्मक ऊर्जा आती है। वास्तु शास्त्र में ऐसा माना जाता है कि इस पौधे को रखने से घर में धन की वृद्धि होती है।
10) सोमवार के उपाय व्यवसाय में उन्नति के लिए सोमवार के दिन शिव-मंदिर में जाकर दूध मिश्रित जल शिवलिंग पर चढ़ाएं। महीने की किसी भी पूर्णिमा को जल में दूध मिला कर चन्द्रमा को अर्घ्य देकर व्यवसाय में उन्नति की प्रार्थना करें, तुरन्त ही असर दिखाई देगा।
11) अगर आप अक्सर माइग्रेन या सिर दर्द से परेशान रहते हैं तो घर को चमेली, मेंहदी और शीशम की खुशबू से भर दें। वास्तु के अनुसार इन फूलों की सुगंध से मानसिक शांति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि भी बनी रहती है।
12) वास्तु के अनुसार मोरपंखी के पौधे को घर में लगाने से घर में समृद्धि आती हैं और परिवार में सुख-शांति का वास होता है। घर में लगा मोरपंखी का पौधा सौभाग्य का प्रतीक होता है, घर में छोटी-छोटी बातों को लेकर तनाव हो, तो यह पौधालगाना काफी अच्छा माना गया है।
13) अगर घर में कोई व्यक्ति बार-बार बीमारियों से परेशान रहता है तो उस व्यक्ति के कमरे में एक कटोरी में पानी में केसर घोलकर रख दें, केसर के इस घोल को समय-समय पर बदला भी जा सकता है। ऐसा करने से रोगों से मुक्ति मिलती है। और जल्द ही व्यक्ति ठीक होने लगता है।
14) भगवान कुबेर को उत्तर दिशा का स्वामी माना गया है, इसीलिए उत्तर दिशा में कुबेर जी की मूर्ति रखने से घर में आ रही धन सम्बंधित सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।
15) अपने व्यवसाय स्थल पर जाते समय और लौटते समय अपने दाहिने हाथ से दरवाजे की जमीन को स्पर्श करें और इसे अपने माथे पर लगाएं और अपने इष्ट देव का ध्यान करें। इससे भाग्य मजबूत होगा और अधिष्ठाता देवता के आशीर्वाद से कार्यक्षेत्र में निरंतर सफलता मिलेगी।
16) घर के जिस भी हिस्से में परिवार के सभी सदस्य ज्यादा समय बिताते हों, वहाँ तांबे के लोटे में जल या गंगा जल भरकर रखें। ऐसा करने से घर के सदस्यों के बीच प्रेम और विश्वास बना रहता है।
17) जीवन में सफलता प्राप्त करने और हमेशा ऊर्जावान बने रहने के लिए घर या व्यापार स्थल पर दौड़ते हुए सात घोड़े वाली तस्वीर लगानी चाहिये। दौड़ते हुए घोड़े प्रगति के सूचक माने जाते हैं, इसलिए सात घोड़ों की तस्वीर को सकारात्मकता के लिये सर्वोतम माना गया है। घर या व्यापार स्थल पर यह चित्र लगाते समय ध्यान रखें कि दौड़ते हुये घोड़ों का मुख घर के अन्दर की तरफ ही होना चाहिये।
18) रात को सोते समय अपने पर्स या बटुए को कभी भी सिर के पास ना रखें और ना कभी उसे सिर के करीब रख कर सोना चाहिए, ऐसा करने से मनुष्य हर समय पैसों से सम्बंधित चिंताओं से खुद को घिरा हुआ पाता है।
19) जब सूर्यदेव को जल चढ़ाया जाता है तो पानी की धार के बीच में से जो किरणे आती हैं उनसे हमारे आँखों की रौशनी तेज होती है। साथ ही पानी के बीच से होकर आने वाली सूर्य की किरणों से जो रंग निकलते हैं वो भी हमारे शरीर के लिए बेहद लाभकारी होते हैं।
20) बेडरुम के दक्षिण-पश्चिम एरिया को कभी भी खाली न रखें, इस कोने पर कोई भी भारी सामान जैसे कुर्सी-मेज, सोफे इत्यादि रख दें।
21) शास्त्रों के अनुसार अनाज और धन, एक बराबर ही होता है। इसलिए पर्स में चावल के दाने रखने का महत्व है। पर्स में चुटकी भर चावल के दानें रखें, इससे धन का अनचाहा खर्च कम होता है।
22) किचन में चूल्हा, बर्नर आदि को हमेशा साफ रखना चाहिए, अगर किचन में इस्तेमाल होने वाला कोई उपकरण या बिजली से चलने वाला कोई सामान खराब हो गया है तो उसे जल्द से जल्द ठीक कर लेना चाहिए। ऐसा लगातार रहने से घर की महिलाओं में स्वास्थ्य से जुड़े वास्तु दोष उत्पन्न होते हैं। समस्या पैदा करने वाला माना जाता है।
23) वास्तु ज्योतिष के अनुसार घर के बाहर जूते-चप्पल उतारने से बाहर की नकारात्मक ऊर्जा घर के अंदर नहीं आती है और आपके घर में खुशियां बनी रहती है।
24) रुद्राक्ष भगवान शिव को बहुत प्रिय है। रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से मानी जाती है। रुद्राक्ष धारण करने से न केवल धार्मिक बल्कि स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं। रुद्राक्ष को धारण करने से रक्तचाप, हृदय रोग आदि में भी लाभ मिलता है।
25) वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में कभी भी टूटा हुआ शीशा नहीं रखना चाहिए, इससे नकारात्मक ऊर्जा आती है। टूटा हुआ कांच सकारात्मकता को दबाता है और मानसिक तनाव के साथ-साथ धन की कमी का कारण बनता है।